Tuesday 12 January 2016

Self destructive BJP

हाल के स्थानीय चुनाओं में महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की हार का कारण समझ के परे है। एक तरफ जहाँ श्री नरेंद्र मोदी की प्रतिष्ठा शीर्ष पर है वही महाराष्ट्र की फड़नवीस सरकार पर भी भ्रष्टाचार या अकर्मण्यता का आरोप नहीं लगाया जा सकता। फिर इस हार का क्या कारण हो सकता है। इस परिणाम का आकलन करने के लिए हमें स्थानीय नेताओं की क्रिया कलापों का विश्लेषण करना पड़ेगा। बुनियादी तौर पर महाराष्ट्र एक भ्रष्ट प्रदेश रहा है। पिछली सरकारों ने लगभग सभी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार के नए प्रतिमान स्थापित किये थे। मुम्बई में भ्रष्टाचार का मुख्य श्रोत भवन निर्माण क्षेत्र है जिसके सहयोगी स्थानीय नेता और प्रशासन के लोग रहते है। स्थानीय लोगों की आकांक्षाओं के विपरीत ये लोग भवन निर्माताओं के हीत में निर्णय लेते हैं और सामान्य नागरिक मूक और बघिर की तरह सबकुछ लूटता हुआ देखता रहता है। क़ानूनी पचड़े में फसने के डर से वो चुप रहता है। अभी पिछले चुनाव में मोदी के नाम पर चुनाव जितने के बाद एक भवन निर्माता के साथ साँठ-गाँठ कर अपने क्षेत्र के एक नगर सेवक ने न सिर्फ सोसाइटी की कम्युनिटी सेंटर को बिकवाने और कब्ज़ा दिलाने का प्रयास किया बल्कि विरोध करने वाले सोसाइटी के पदाधिकारियो और सदस्यों के साथ ही साथ एक महिला पर भी पुलिस में शिकायत कर दिया। सोसाइटी के सदस्य यह समझ नहीं पा रहे हैं कि उनका अपराध क्या है। ऐसे में सोसायटी के लोग अगले चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट कैसे करेंगे यह सोचने की बात है।

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